Kuchaman Fort, जोधपुर रियासत के मेड़तिया राठौड़ों का ऐतिहासिक गढ़ है, राजस्थान के नागौर जिले के कुचामन शहर में स्थित है। यह किला अपनी भव्यता और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, और इसे जागीरी किलों का सिरमौर भी कहा जाता है।
🏰 किले का इतिहास
कहा जाता है कि Kuchaman City Fort का निर्माण गौड़ क्षत्रियों द्वारा किया गया था, जो इस क्षेत्र के प्राचीन शासक थे। बाद में, 1727 में जोधपुर के महाराज अभयसिंह ने जालिम सिंह मेड़तिया को यह किला जागीर के रूप में प्रदान किया। जालिम सिंह ने इस किले का जीर्णोद्धार किया और इसे एक मजबूत दुर्ग में परिवर्तित किया।
🏯 किले की विशेषताएँ
- भव्य प्रवेश द्वार: किले में आथूणा दरवाजा, चाँदपोल, सूरजपोल, कश्मीरी दरवाजा, पलटन दरवाजा, होद का दरवाजा और धारी दरवाजा जैसे प्रमुख प्रवेश द्वार हैं।
- जल संग्रहण प्रणाली: किले में पांच विशालकाय टांके हैं, जिनमें पातालतोड हौज और अंधेरया हौज प्रमुख हैं।
- मंदिर और महल: किले में भव्य महल, रनिवासा, अन्न भंडार, और कई मंदिर स्थित हैं, जो इसकी स्थापत्य कला को दर्शाते हैं।
- शस्त्रागार: किले में एक बड़ा शस्त्रागार है, जिसमें आज भी शीशा और बारूद रखने के पृथक-पृथक कक्ष बने हुए हैं।
- कला और संस्कृति: कुचामन में लोकनाट्य की अपनी मौलिक शैली और परंपरा विकसित हुई, जिसे “कुचामन ख्याल” के नाम से जाना जाता है।
कुचामन किला न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और स्थापत्य कला का प्रतीक भी है।