हनुमान जन्मोत्सव पर रेत्या बालाजी में होंगे कई धार्मिक कार्यक्रम, भरेगा मेला

Khariya Balaji Mandir

कुचामनसिटी. शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। शहर में भी हनुमान जन्मोत्सव पर शोभायात्रा निकाली जाएगी।

निकटवर्ती ग्राम खारिया के हरितनगर स्थित रेत्या बालाजी का मन्दिर भी जन-जन के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां पर दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते है। शुरूआती समय में यह मन्दिर बहुत छोटा था, लेकिन ग्रामीणों ने मन्दिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू करवाया। जो सन 1989 के दशक में पूर्ण हुआ। 1990 के दशक के बाद लोगों में मन्दिर के प्रति आस्था ओर भी ज्यादा बढने लगी। लोग यहां अनेक आयोजन करने लग लग गए। वर्तमान समय में सवामणी, भजन संध्या, मंगलवार एवं शनिवार को सुंदरकांड

पाठ सहित कई धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। मन्दिर को लेकर वृद्धजन बताते हैं कि मन्दिर के आसपास बहुत समय पहले रेत के बड़े-बड़े टीले थे। इन टीलों के पास एक कुआं व एक खेजड़ी का वृक्ष था। हरितनगर स्थित

कुचामनसिटी. हरितनगर स्थित रेत्या बालाजी का मन्दिर। जो जन-जन की आस्था का केन्द्र बना हुआ है।

रेत्या बालाजी का मन्दिर की स्थापना लगभग 300 वर्ष पूर्व बींजाराम नाम के व्यक्ति ने इसी खेजड़ी के वृक्ष के नीचे एक छोटे से चबूतरे के रूप में की थी। फिर लोगों ने इस चबूतरे की पूजा हनुमान के रूप में करने लग गए। मन्दिर के प्रति आस्था होने के कारण धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई। जिसके कारण मन्दिर का विकास भी होने लग गया।

वर्ष 1960 में मन्दिर के लिए पुजारी की नियुक्ति की गई। मन्दिर के लिए मात्र 7 वर्ष की आयु में माधुराम कुमावत पुजारी बन गए थे। इन्होंने पुजारी बनकर मन्दिर में 50 से अधिक वर्षों तक पूजा अर्चना की। बताया

कुचामनसिटी. रेत्या बालाजी का मन्दिर में स्थापित बालाजी की प्रतिमा।

आज से होंगे दो दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम

बालाजी सेवा मण्डल के कार्यकर्ता मुकेश जायलवाल ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर मन्दिर परिसर को सजाया जा रहा है। बालाजी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया है। शुक्रवार से दो दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने बताया कि 11 अप्रेल को रात्रि में एक शाम बालाजी के नाम भजन संध्या

जाता है कि पुजारी माधुराम कुमावत की भक्ति में इतनी शक्ति थी कि दूर दूर से लोग व किसान अपने खेतों में कुआं या ट्यूबवेल बनवाने से पूर्व भूतल में कौनसी जगह कितना पानी

कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें कई गायक कलाकार बालाजी के भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। वही 12 अप्रेल को सुबह सवा आठ बजे से महायज्ञ होगा। दोपहर 2 बजे पूर्णाहुति एवंआरती होगी। श्रद्धालुओं को दोपहर सवा दो बजे से प्रसाद वितरण किया जाएगा। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर मेले का आयोजन किया जाएगा।

है यह स्थिति जानने पहुंचते थे। उनके बाद पुत्र पुखराज को पुजारी नियुक्त किया गया। मन्दिर में भगवान शिव, राधा-कृष्ण, शीतला माता, महाकाली, भैरव का मन्दिर स्थित है।

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